श्री चक्रधर स्वामी ने जब उत्तर दिशा की ओर प्रस्थान किया तो सभी भक्तगण दु:खी होकर विलाप करने लगे ओर कहने लगे "स्वामी, आपकी याद आई तो, हम कैसे करे?" 🤔🤔😇
तो भगवान ने कहा "नाम, लिळा और मूर्ती-चेष्टा" इस प्रकार चतुर्विध स्मरण करे तथा स्थान-प्रसाद-भिक्षुक-वासनिक इन चार साधनोंकी सेवा-दास्य-भजन-पूजन करे| इस तरह हमारा मिलन होगा । 😥😊
इतना बतलाकर स्वामी श्री नागदेव आचार्य को धर्म कार्य सौपकर उत्तर दिशा की ओर निकल गये |🤗😰
*#महानुभाव_पंथ*
🙏🙏🏻श्री चक्रधर स्वामी की जय🙏🏻🙏🏻🙏🏻
तो भगवान ने कहा "नाम, लिळा और मूर्ती-चेष्टा" इस प्रकार चतुर्विध स्मरण करे तथा स्थान-प्रसाद-भिक्षुक-वासनिक इन चार साधनोंकी सेवा-दास्य-भजन-पूजन करे| इस तरह हमारा मिलन होगा । 😥😊
इतना बतलाकर स्वामी श्री नागदेव आचार्य को धर्म कार्य सौपकर उत्तर दिशा की ओर निकल गये |🤗😰
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🙏🙏🏻श्री चक्रधर स्वामी की जय🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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